मटर की अच्छी पैदावार के लिए 5 सबसे अच्छी उन्नत किस्में

Written By Atul Bharat
On: Thursday, June 12, 2025 8:49 PM

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किसान भाइयों शुरुआत से ही मटर की खेती भारत में एक लोकप्रिय और लाभकारी फसल रही है, खासकर सर्दियों के मौसम में। यह न केवल सब्जी और दाल के रूप में उपयोगी है बल्कि किसानों के लिए अच्छी कमाई का जरिया भी है। लेकिन अच्छी पैदावार के लिए सही किस्म का चयन बहुत जरूरी है। किसान भाइयों अगर सही किस्म का चुनाव नहीं किया जाए तो फिर मन मुताबित पैदावार भी नहीं मिलती है इसलिए अतुल भारत के इस आर्टिकल में आज हम आपको मटर की 5 ऐसी उन्नत किस्मों के बारे में बताएंगे जो न केवल अधिक उत्पादन देती हैं बल्कि रोगों और मौसम की मार से भी बचाती हैं।

मटर एक ठंडी जलवायु की फसल है जो अक्टूबर से नवंबर के बीच बोई जाती है। यह कम समय में अच्छी पैदावार देती है और बाजार में इसकी मांग साल भर बनी रहती है। मटर की खेती न केवल छोटे किसानों के लिए फायदेमंद है बल्कि बड़े पैमाने पर खेती करने वालों के लिए भी यह एक शानदार विकल्प है। लेकिन इसके लिए सही किस्म का चयन, उचित देखभाल और खरपतवार नियंत्रण जरूरी है।

मटर की टॉप 5 उन्नत किस्में

अर्का अजित: अर्का अजित मटर की एक हाइब्रिड किस्म है, जो भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) द्वारा विकसित की गई है। यह किस्म अपनी उच्च पैदावार और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए जानी जाती है। ये किस्म 60-65 दिनों में तैयार हो जाती है और इससे आपको प्रति हेक्टेयर 10-12 टन हरी मटर की पैदावार मिल जाती है। इसके अलावा ये किस्म उखटा रोग (विल्ट) के प्रति प्रतिरोधी छमता के साथ में आती है। इस किस्म के लिए उपयुक्त क्षेत्र उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा है इसलिए अगर आप कम समय में अधिक उत्पादन लेना चाहते है और रोगों से सुरक्षा भी अपनी फसल के लिए चाहते है तो ये किस्म आपके लिए काफी अच्छी साबित होने वाली है।

पूसा प्रभात: पूसा प्रभात मटर की एक अगेती किस्म है जो उन किसानों के लिए आदर्श है जो जल्दी पैदावार चाहते हैं। यह किस्म छोटे और मध्यम आकार की फलियों के लिए जानी जाती है। मटर की इस किस्म से केवल 50-55 दिनों में फसल तैयार हो जाती है और किसान भाइयों आप इस किस्म से प्रति हेक्टेयर 8-10 टन पैदावार आराम से ले सकते है। इसके अलावा ये किस्म खरपतवार और कीटों के प्रति अच्छी सहनशीलता के साथ आती है। किसान भाइयों मटर की ये किस्म मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड की जलवायु के हिसाब से काफी अच्छी मानी जाती है।

आजाद पी-1: आजाद पी-1 मटर की एक देसी किस्म है, जो अपनी मिठास और स्वाद के लिए मशहूर है। यह किस्म उन किसानों के लिए उपयुक्त है जो जैविक खेती करना चाहते हैं। ये किस्म आपको प्रति हेक्टेयर 9-11 टन हरी मटर दे देती है और इससे 65-70 दिनों में फसल तैयार हो जाती है। इसकी फलियां लंबी और बीज मध्यम आकार के होते है। ये किस्म पश्चिम बंगाल, असम, ओडिशा में बुवाई के लिए सही रहती है। इस किस्म के मटर काफी स्वादिष्ट और मीठे होते है।

जवाहर मटर-4: जवाहर मटर-4 एक ऐसी किस्म है जो कम पानी और कम उर्वरक में भी अच्छी पैदावार देती है। यह किस्म छोटे किसानों के लिए वरदान है। 60-70 दिनों में फसल तैयार होकर आपको मिल जाती है तथा आपको प्रति हेक्टेयर 10-12 टन पैदावार इस किस्म से मिल जाती है। इसकी फलियों में 7-8 दाने होते है जो मोटे और रसीले होते हैं। कर्नाटक, हरियाणा, बिहार के किसान इसकी बुवाई करके अच्छी पैदावार ले सकते है। इसके अलावा अगर आप कम लागत में अधिक मुनाफा कमाई करना चाहते है तो आपके लिए ये किस्म काफी अच्छी रहने वाली है।

पंत मटर-5: पंत मटर-5 एक उन्नत किस्म है, जो गोविंद बल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित की गई है। यह किस्म अपनी एकसमान फलियों और लंबी शेल्फ लाइफ के लिए जानी जाती है। पाउडरी मिल्ड्यू रोग के प्रति प्रतिरोधी ये किस्म आपको प्रति हेक्टेयर 11-13 टन पैदावार देने में सक्षम है और ये 65-75 दिनों में तैयार हो जाती है। इस किस्म को उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, पंजाब के किसान के लिए काफी अच्छा माना जाता है।

मटर की खेती के लिए जरूरी टिप्स

किसान भाइयों अच्छी पैदावार के लिए केवल सही किस्म का चयन ही काफी नहीं है। कुछ बुनियादी बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है। मटर की खेती के लिए दोमट मिट्टी और 15-25 डिग्री सेल्सियस तापमान सबसे अच्छा रहता है और आपको प्रति हेक्टेयर 80-100 किलो बीज की जरुरत पड़ने वाली है। इसके अलावा आपको बता दें की पहली सिंचाई बुवाई के बाद और दूसरी फूल आने से पहले आपको करनी है तथा 2-3 टन गोबर की खाद और 10:30:20 किलो एन.पी.के. प्रति एकड़ का उपयोग आपको करना है।

मटर की खेती से कैसे बढ़ाएं मुनाफा?

किसान भाइयों अगर आप मटर की खेती से मुनाफा बढ़ाना चाहते है तो आपको ये ध्यान रखना होगा की मटर की ताजी फलियों की मांग शहरों में अधिक होती है इसलिए उसकी सप्लाई शहरों में अधिक करें। इसके साथ ही जैविक मटर की मांग और कीमत दोनों अधिक हैं तो इसकी खेती पर अधिक ध्यान देने की जरुरत है। आप अपने मटर को फ्रीज करके साल भर बाजार में इसकी बिक्री कर सकते है जिससे आपको रेट भी काफी अच्छे मिलने की उम्मीद रहती है। आप ड्रिप सिंचाई और पॉलीहाउस का उपयोग करके अपनी मटर की खेती में पैदावार को काफी हद तक बढ़ा सकते है। तो किसान भाइयों आज के आर्टिकल में इतना ही और हमें उम्मीद है की आपको आज का हमारा ये आर्टिकल काफी पसंद आया होगा। इसको शेयर जरूर करें। धन्यवाद

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