पशु पालन

गर्मियों में पशुओं का दूध बढ़ाने का रामबाण उपाय, घर पर तैयार करो ये देशी नुस्खा

आज के समय में देश में दूध की खपत काफी हद तक बढ़ चुकी है और इसके साथ ही देशभर में पशुपालन का बिज़नेस काफी तेजी के साथ में आगे बढ़ने लगा है। किसान भाइयों आप सब जानते है की जो गर्मियों का समय होता है ये दुधारू पशुओं के लिए काफी परेशानी वाला होता है क्योंकि तेज गर्मियों में पशुओं में अपनी की काफी अधिक कमी हो जाती है और इसके चलते दूध देने की छमता में भी गिरावट आ जाती है। गाय, भैंस या फिर जो भी दुधारू पशु होता है वो अगर 10 लीटर दूध प्रतिदिन दे रहा है तो गर्मी आते है उसकी ये छमता घटकर 5 – 6 लीटर पर आ जाती है। इससे पशुपालकों को काफी नुकसान भी होता है।

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किसान भाइयों आज के इस आर्टिकल में आपको हम एक ऐसे घरेलु नुस्खे के बारे में जानकारी देने वाले है जो आसानी से आप घर पर भी बना सकते है तथा आपके पशुओं को तंदरुस्त बनाने के अलावा उनकी सेहत भी अच्छी रखेगा और दूध में भी बढ़ौतरी होगी। तो चलिए फिर आपको इस आर्टिकल में इस घरेलु नुस्खे की जानकारी दे देते है। किसान भाइयों आप कृषि और पशुपालन को लेकर ख़बरें अपने मोबाइल पर भी प्राप्त कर सकते है जिसके लिए हमने WhatsApp और Telegram ग्रुप बनाये है। आप जॉइंट करके फ्री में रोजाना न्यूज़ अपडेट ले सकते है। चलिए आगे बढ़ते है –

गर्मियों में पशुओं का दूध क्यों कम हो जाता है?

किसान भाइयों ये जो सवाल है इसके जवाब के बारे में आपको पता होना जरुरी है क्योंकि तभी आपको अच्छे से समझ में आएगा की ऐसे क्या बात है जो गर्मी आते ही पशु कम दूध देने लगते है। भाइयों जब गर्मी आती है तो गर्मी में पशुओं का शरीर डिहाइड्रेट होने लगता है। इसकी वजह से पशुओं को काफी कम भूख लगती है और पशुओं में तनाव बढ़ने लगता है। इसका सीधा असर दूध पर पड़ता है। इससे ना केवल दूध कम होता है बल्कि दूध की जो गुणवत्ता है उस पर भी काफी बुरा असर हो जाता है। इसके अलावा पशुओं में बिमारियों के आने का ख़तरा भी बढ़ जाता है।

कुल मिलाकर बात ये है की गर्मी में पशुओं में पाचन क्रिया भी प्रभावित होने लगती है जिसके चलते भी दूध देने की छमता प्रभावित होती है। इसलिए हमारा पहला काम ये होना चाहिए किसान भाइयों की कुछ ऐसा किया जाए हो पशुओं के लिए ठंडक भरा हो तथा पशुओं के पाचन तंत्र को भी सही करें जिससे वे तंदरुस्त रहे और दूध भी अधिक दे। चलिए क्या करना है जानते है आगे।

इस पौषिक आहार को बनाओ अपने घर पर

किसान भाइयों आपको दूध के उत्पादन को अगर बढ़ाना है और अपने पशुओं की सेहत का भी ख्याल रखना है तो गर्मियों के दिनों में आपको निचे दिए गए नुस्खे को बनाना होगा। देखिये कौन कौन सी सामग्री इसके लिए आपको लेनी है और कैसे इसको तैयार करना है –

नुस्खे के लिए सामग्री : आपको इस नुस्खे को तैयार करने के लिए सबसे पहले चना (भुना हुआ): 1 किलो, जौ (भुना हुआ): 1 किलो, गुड़: 500 ग्राम, सौंफ: 200 ग्राम, अजवाइन: 100 ग्राम, मेथी दाना: 100 ग्राम, सेंधा नमक: 50 ग्राम और हल्दी पाउडर: 50 ग्राम लेकर आना है। इनमे से कुछ सामग्री तो आपको घर में ही मिल जाएगी। चलिए अब आपको बताते है की इससे आपको नुस्खा कैसे तैयार करना है।

नुस्खे को बनाने का तरीका (विधि)

किसान भाइयों सबसे पहले आपको चना और जौ को हलकी हलकी आंच पर अच्छे से भून लेना है। भूनते समय आपको ध्यान रखना है की चने और जौ का रंग केवल सुनहरा होना चाहिए लेकिन जलने नहीं चाहिए। इसके बाद आपको इनको ठंडा कर लेना है और एक मिक्सर में डाल कर इनका बैल्कुल बारीक़ पाउडर बना लेना है। किसान भाइयों इसका पाउडर इसलिए बनाया जा रहा है ताकि पशु जब इसको खाये तो उसको चबाने में दिक्कत ना हो वार्ना हम इसको साबुत ही ले सकते है।

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अब आपको गुड़ के छोटे छोटे टुकड़े कर लेने है तथा इनमे बाकि की जो सामग्री है जैसे हल्दी का पावर, सेंधा नमक, मेथी, सौंफ और अजवाइन आदि को अच्छे से चने और जौ वाले पाउडर के साथ में मिला लेना है। मिक्स करने के बाद में आपको इस मिश्रण को एक हवा बंद डब्बे में रख लेना है ताकि ये ख़राब ना हो और इसकी जो भी ताजगी है वो बनी रहे।

पशुओं को नुस्खा देने की विधि

किसान भाइयों नुस्खा तो आपने तैयार कर लिया है तो अब आपको इसको पशुओं को खिलाने का तरीका भी बता देते है। आपको अपने पशुओं को इस मुश्रान को रोजाना केवल 100 ग्राम से लेकर के 150 ग्राम मात्रा खिलानी है। इस मिश्रण को आप उनके चारे में मिलाकर भी दे सकते है या फिर आप अलग से भी उनको खिला सकते है। अगर आप रोजाना सुबह शाम करके थोड़ा थोड़ा मिश्रण देंगे तो ये अच्छा रहेगा। इस मिश्रण को जब पशु खाता लेता है तो उसके बाद में अपने पशु को साफ पानी पिलाये ताकि उनकी पानी की कमी को दूर किया जा सके।

किसान भाइयों इस नुस्खे में जो सौंफ, अजवाइन और मेथी मिले है ये पशु की पाचन क्रिया को दुरुस्त करने का काम करती है। इससे पशु जो भी चारा खायेगा वो आसानी से पचेगा और उसमे से पशु और अच्छे से पौषण मिलेगा। इसके अलावा गुड़ और चने के जरिये पशु को एनर्जी मिलती है जो उनके दूध देने की छमता को बढ़ाती है। ये नुस्खा पूरी तरह से प्राकृतिक है और इसको खिलाने से पशुओं को कोई भी नुकसान नहीं है। ये पशुओं को ठंडक देने के साथ साथ में उनके तनाव को दूर करना है ताकि शरीर की सभी क्रिया सुचारु रूप से काम कर सके।

किसान भाइयों ये देशी नुस्खा गर्मियों में पशुओं के दूध को बढ़ाने का एक आसान और बेहद कारगर तरीका है। इसके अलावा आपको इसे बनाने में ज्यादा खर्चा भी नहीं करना पड़ता है क्योंकि इनमे से अधिकतर चीजें तो आपको घर में ही आसानी से मिल जाती है। ये पूरी तरह से प्राकृतिक होने के चलते कोई भी नुकसान नहीं करता है। ये नुस्खा आपके पशुओं की सेहत का भी ख्याल रखता है इसलिए आपको आज ही इसे बनाकर अपने पशुओं के लिए इस्तेमाल करना चाहिए। अगर आपको अतुल भारत के इस आर्टिकल में दी गई जानकारी पसंद आई है तो इसको शेयर जरूर करें तो दूसरे किसानों भी मदद की जा सके। धन्यवाद

Atul Bharat

भारत कृषि प्रधान देश है और किसान देश की जान है। अतुल भारत किसानों को एक कदम आगे लेकर जाने और कृषि क्षेत्र में उनकी मदद करने का एक छोटा सा प्रयास है। इसके जरिये किसानों को खेती से जुड़ी जानकारियां प्रदान की जाती है।

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