भारत में डेयरी फार्मिंग तेजी से लोकप्रिय हो रही है, और बकरी पालन इसमें अहम भूमिका निभा रहा है। गाय और भैंस के मुकाबले बकरियों को पालना आसान और कम खर्चीला है। बकरी का दूध पौष्टिक होने के साथ-साथ बाजार में अच्छी कीमत पर बिकता है। लेकिन सवाल यह है कि डेयरी फार्म के लिए कौन सी नस्ल की बकरी चुनें? आइए जानते हैं कुछ ऐसी नस्लों के बारे में जो ज्यादा दूध देती हैं और आपके बिजनेस को फायदा पहुंचा सकती हैं।
टॉप दुधारू बकरी नस्लें
- जमुनापारी: उत्तर प्रदेश के इटावा और आसपास के इलाकों में पाई जाने वाली जमुनापारी बकरी दूध उत्पादन के लिए मशहूर है। यह नस्ल रोजाना 1.5 से 2 लीटर दूध दे सकती है। इसका शरीर बड़ा और मजबूत होता है, जिससे इसे पालना आसान है।
- सैनेन: स्विट्जरलैंड से आई यह विदेशी नस्ल भारत में भी खूब पसंद की जाती है। सैनेन बकरी रोजाना 2 से 3 लीटर दूध देती है और इसके दूध में 3-4% फैट होता है। यह नस्ल भारत के मौसम में भी अच्छा प्रदर्शन करती है।
- बीटल: पंजाब और हरियाणा में मिलने वाली बीटल बकरी दूध और मांस दोनों के लिए अच्छी है। यह रोजाना औसतन 0.5 से 1 लीटर दूध देती है। इसकी देखभाल आसान और लागत कम है।
- सिरोही: राजस्थान और गुजरात में पाई जाने वाली सिरोही बकरी छोटे आकार की होती है, लेकिन दूध उत्पादन में कमाल है। यह रोजाना 0.5 से 1 लीटर दूध देती है और दो बच्चों को जन्म देने की क्षमता रखती है।
क्यों चुनें बकरी पालन?
बकरी पालन में लागत कम और मुनाफा ज्यादा होता है। बकरियों को कम जगह और चारे की जरूरत पड़ती है। साथ ही, सरकार की सब्सिडी और लोन योजनाएं इसे और आकर्षक बनाती हैं। बाजार में बकरी के दूध की मांग बढ़ रही है, क्योंकि यह पचाने में आसान और पौष्टिक होता है।
देखभाल के लिए टिप्स
- बकरियों के रहने की जगह को साफ और हवादार रखें।
- समय पर टीकाकरण और पौष्टिक चारा देना जरूरी है।
- मच्छर और मक्खियों से बचाव के लिए उचित इंतजाम करें।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी ऑनलाइन स्रोतों पर आधारित है। बकरी पालन शुरू करने से पहले अधिक जानकारी के लिए पशुपालन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट या नजदीकी पशुपालन केंद्र पर संपर्क करें।