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लोबिया की खेती – आसान तरीका और शानदार टिप्स

किसान भाईओं आज के समय में बहुत से किसान लोबिया की खेती की और ध्यान दे रहे है और इससे अच्छे पैसे की भी कमाई कर रहे है। लोबिया को देश के कई हिस्सों में चवला या फिर ब्लैक-आईड पी (Black-Eyed Pea) के नाम से भी जाना जाता है और ये एक ऐसी फसल होती है जिसमे पौष्टिकता कूट कूट कर भरी होती है और साथ में ये उगाना भी आसान है। अगर आप भी लोबिया की खेती करना चाहते है तो आज के अतुल भारत के इस आर्टिकल में हम आपके लिए कुछ आसान से टिप्स और जरूरी जानकारी लेकर आये है जो आपकी लोबिया की खेती में बहुत काम आने वाली है।

लोबिया की खेती करने के फायदे क्या क्या है?

किसान भाइयों लोबिया की खेती करने के बहुत फायदे है। ये एक ऐसी खेती है जो कम लागत में आपको अधिक मुनाफा देती है और इसमें आपको अधिक पानी देने की भी जरुरत नहीं पड़ती है। अगर बारिश अच्छे से हो जाती है तो फिर बिलकुल भी पानी की जरुरत नहीं पड़ती है। इसके अलावा आपको अधिक उर्वरक भी इस खेती में नहीं देने पड़ते।

लोबिया में प्रोटीन, फाइबर और विटामिन्स काफी अधिक मात्रा में पाए जाते है इसलिए किसान भाइयों इसकी मार्किट में डिमांड हमेशा बनी रहती है। लोबिया की फसल बुवाई के लगभग 60 से 75 दिन में तैयार हो जाती है और आपको पैदावार मिलने लग जाती है। जिस खेत में आप लोबिया की खेती करते है उस खेत में भी लोबिया की फसल नाइट्रोजन की मात्रा को बढाकर आपके खेत की उर्वरकता शक्ति को बढ़ाने का काम करता है।

लोबिया की खेती कैसे की जाती है?

किसान भाइयों लोबिया की खेती करने के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु सबसे अच्छी मानी जाती है और भारत में इसकी खेती जून और जुलाई महीने में शुरू की जाती है। जैसे ही इसकी बुवाई होती है उसके कुछ समय बाद में बारिश का मौसम आने की वजह से ये काफी अच्छी पैदावार देती है। इसकी खेती करने के लिए लगभग 25 डिग्री तापमान सही रहता है इसलिए अगर आप इसकी खेती को सर्दियों के मौसम में करते है तो आपको उम्मीद के अनुसार पैदावार नहीं मिलेगा।

लोबिया की खेती के लिए पीएच मान 5.5 से 6.5 के बीच वाली बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है और आपको अपनी इस खेती के लिए अच्छी क्वालिटी के बीजों का चयन करना होगा। पूसा कोमल, पूसा बरसाती, और अरका गरिमा जैसे उच्च क्वालिटी के बीजों का चुनाव करके इसकी खेती शुरू कर सकते है। एक हेक्टेयर में इसकी खेती करने के लिए आपको लगभग 20 किलोग्राम बीजों की जरुरत पड़ने वाली है।

लोबिया की खेती में उर्वरक और सिंचाई

किसान भाइयों लोबिया की खेती में वैसे तो अधिक खाद और उर्वरकों की जरुरत नहीं रहती है लेकिन फिर भी आप शुरआत में खेत में गोबर की खाद अगर डालते है तो आपको अधिक लाभ मिलेगा। आपके खेत की मिट्टी में पौषक तत्वों की कमी है और पहली बार उस खेत में आप लोबिया की खेती कर रहे है तो आपको बुवाई से पहले इस खेत में नाइट्रोजन (20-25 किलो/हेक्टेयर) और फॉस्फोरस (40-50 किलो/हेक्टेयर) का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके बाद अगले साल ये लोबिया की खेती की वजह से इनकी कमी अपने आप पूरी हो जाएगी।

रही बार सिंचाई की तो लोबिया की खेती का जो बुवाई का समय रहता है वो बारिश का या फिर ठीक उससे पहले का रहता है और इसके अधिक पानी की जरुरत नहीं पड़ती है। अगर सीजन में अच्छी बारिश हो जाती है तो आपको जरा भी अतिरिक्त पानी देने की जरुरत नहीं पड़ेगी लेकिन अगर बारिश कम होती है तो फिर आपको 15 दिन के अंतराल पर एक हलकी सिंचाई इसमें करनी होगी। आपको ये ध्यान रखना है की फूलों के आने के समय में और फलियों के बनने के समय में पानी की कमी नहीं आने देनी है नहीं तो आपकी पैदावार पर इसका असर पड़ेगा।

लोबिया की खेती में रोग प्रबंधन

लोबिया की खेती अगर आप कर रहे है तो किसान भाइयों आपको इसमें लगने वाले रोगों का प्रबंधन भी करना होगा नहीं तो ये रोग आपकी फसल को बर्बाद कर सकते है। इसमें फली छेदक (Pod Borer) और चूसक कीट (Aphids) की समस्या अधिक रहती है इसलिए आप जैविक कीटनाशकों का इस्तेमाल करके इनका उपचार कर सकते है या फिर आप बीटी (Bacillus Thuringiensis) का छिड़काव करके भी इन कीटों से अपनी फसलों को बचा सकते है। इसके अलावा अगर पाउडरी मिल्ड्यू या जड़ सड़न जैसी समस्याएं आपको अपनी खेती में नजर आती है तो उसके लिए आप फसल चक्र का इस्तेमाल करके आसानी से छुटकारा पा सकते है।

लोबिया की कटाई कब और कैसे करनी चाहिए

किसान भाइयों बुवाई के करीब 60 से 75 दिन में बाद में आपकी लोबिया की फैसला कटाई के लिए तैयार हो जाती है और आपको कटाई कब करनी है ये आपको निर्धारित करना होता है। अगर आपने हरी फलियों के लिए लोबिया की खेती की है तो आपको इन फलियों को पकने के बाद जब हलकी नरम रहे तभी इसकी तुड़ाई करनी होगी। अगर आपने सूखे बीजों के लिए इसकी खेती की है तो पौधों को अच्छे से सूखने के बाद में ही इनकी कटाई करनी चाहिए।

किसान भाइयों आज के समय में लोबिया की खेती छोटे और बड़े हर प्रकार के किसानों के लिए काफी लाभकारी है और आप सभी समय पर अगर इसकी बुवाई करते है तो आपको इससे अधिक उपज मिलने की उम्मीद रहती है। आप अच्छे बीजों का इस्तेमाल करके और अच्छे से फसल की देखभाल करके आसानी से अधिक पैदावार इसमें ले सकते है। किसान भाइयों उम्मीद है आपको अतुल भारत के इस आर्टिकल में लोबिया की खेती के बारे में दी गई जानकारी अच्छी लगी होगी। ऐसी ही और अधिक जानकारी अपने फ़ोन पर प्राप्त करने के लिए आप हमारे WhatsApp या फिर Telegram चैनल के साथ में जुड़ सकते है जहां कृषि को लेकर नई नई जानकारियां रोजाना शेयर की जाती है। धन्यवाद

Atul Bharat

भारत कृषि प्रधान देश है और किसान देश की जान है। अतुल भारत किसानों को एक कदम आगे लेकर जाने और कृषि क्षेत्र में उनकी मदद करने का एक छोटा सा प्रयास है। इसके जरिये किसानों को खेती से जुड़ी जानकारियां प्रदान की जाती है।

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