पशुओं के लिए हरा चारा: इन फसलों की करो बुवाई, पशुओं के लिए रहेगा पौषिक और सस्ता

On: Sunday, June 8, 2025 1:09 PM

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Green fodder for animals: Sow these crops, it will be nutritious and cheap for animals
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देश में पशुपालन काफी तेजी के साथ में बढ़ रहा है और इसके साथ ही पशु पालन करने वाले किसानों के सामने हरे चारे को लेकर भी काफी चुनौती आ रही है। पशुओं के लिए हमेशा ही पौषिक चारे की जरुरत होती है और इसके साथ ही वो सस्ता भी हो तो पशुपालकों के लिए बहुत फायदेमंद रहता है। किसान भाइयों आप सभी इस बात को अच्छे से जानते है की हरा चारा पशुओं के लिए पौष्टिक तो रहता ही है साथ में पशुओं के दुग्ध उत्पादन की छमता को भी बढ़ाता है। किसान भाइयों हरा चारा उगाना काफी आसान होता है लेकिन कौन सी चारे की फसल उगानी है इसका सही चुनाव करना बहुत ही जरुरी होता है। चलिए किसान भाइयों आज आपको हरे चारे में कौन सी फसल आपके पशुओं के लिए सही रहेगी इसकी जानकारी दे देते है ताकि आपके पशु स्वस्थ रहने के साथ साथ में दूध भी अधिक मात्रा में दे।

मक्का हरे चारे के लिए सबसे लोकप्रिय

किसान भाइयों हरे चारे में पुरे देश में नंबर एक पर मक्का आता है क्योंकि ये पशुओं का सबसे पसंदीदा चारा है। इस चारे से पशुओं को भरपूर मात्रा में ऊर्जा मिलती है और साथ में मक्के में प्रोटीन, फाइबर और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा सबसे अधिक पाई जाती है इस लिहाज से भी ये पशुओं के लिए पौषिक होता है। किसान भाइयों मक्के को पशुओं के लिए हरे चारे के रूप में उपयोग करने के लिए खरीफ के मौसम में उगाया जाता है। मक्के की बुवाई के 35 से 40 दिन के बाद में पशुओं के लिए चारा मिलना शुरू हो जाता है इसलिए आप इस चारे की बुवाई अपने पशुओं के लिए करेंगे तो बहुत ही अच्छा रहने वाला है।

ज्वार भी पशुओं के लिए शानदार हरा चारा

किसान भाइयों जिन इलाकों में पानी की काफी कमी रहती है उन इलाकों में किसान अपने पशुओं के लिए ज्वारा को हरे चारे के रूप में इस्तेमाल कर सकते है। इसमें पौषक तत्व काफी अधिक मात्रा में होते है और साथ ही इसमें मिठास के चलते ये पशुओं को काफी पसंद भी आती है। जयार की बुवाई आप गर्मी के मौसम में कर सकते है और आपको बता दें की इसकी बुवाई के 40 से 50 दिन के बाद में आपको अच्छे से हरा चारा मिलना शुरू हो जाता है। किसान भाइयों इसमें आप 2 से 3 कटाई आसानी से कर सकते है।

बाजरी भी पशुओं के लिए रहती है लाभकारी

किसान भाइयों अगर आप अपने पशुओं के लिए एक ऐसे हरे चारे का प्रबंध करना चाहते है जिससे पशुओं को प्रोटीन और फाइबर अच्छी मात्रा में मिले और सस्ता भी हो तो आप अपने खेतों में बाजरी की बुवाई कर सकते है। बाजरी की आप 4 से 5 बार कटाई कर सकते है और भारत में पशुओं के लिए इसको हरे चारे के रूप में सबसे अधिक बुवाई किया जाता है। किसान भाइयों बाजरी की बुवाई के 1 महीने के बाद में आप इसकी कटाई शुरू कर सकते है लेकिन अगर आप 50 से 55 दिन का इन्तजार करेंगे तो इससे आपको अच्छा चारा मिलना शुरू हो जाता है।

गाय, भैंस और बकरी का पसंदीदा है बरसीम

किसान भाइयों सर्दियों में पशुओं को प्रोटीन सबसे अधिक बरसीम से मिलता है और गाय भैंस या फिर बकरियों को सबसे अच्छा लगने वाला चारा बरसीम ही है। बरसीम की बुवाई सितम्बर – अक्टूबर महीने में की जाती है और लगभग 50 दिन में आपको चारा मिलना शुरू हो जाता है। बरसीम की कटाई आप 4 से 5 बार कर सकते है और ध्यान रहे की किसानों को बरसीम के लिए सिंचाई का अच्छे से प्रबंध करना होगा क्योंकि इसमें पानी की जरुरत अधिक रहती है।

खेतों के साथ में पशुओं को भी स्वस्थ रखता है लोबिया

किसान भाइयों अपने पशुओं की सेहत दुरुस्त रखने के साथ साथ में अगर आप अपने खेतों को भी उपजाऊ बनाकर रखना चाहते है तो आपको लोबिया को हरे चारे के रूप में इस्तेमाल करना चाहिए। लीबिया आपके पशुओं को पौषक तत्व देने के साथ साथ में आपके खेतों में नाइट्रोजन की मात्रा को भी फिक्स करने का काम करता है। लोबिया की बुवाई गर्मी में या फिर खरीब के दिनों में आप कर सकते है। बुवाई के 45 से 50 दिन में आपको हरा चारा मिलना शुरू ही जाता है और इसकी भी आप 3 से 4 बार कटाई कर सकते है। लोबिया में आपको अधिक उर्वरक डालने की जरुरत नहीं पड़ती है क्योंकि ये अपने आप में ही प्राकृतिक खाद का काम करता है।

किसान भाइयों आप सभी जानते है की पशुपालन में पशुओं के लिए उनकी सेहत अच्छी रखना कितना जरुरी होता है। अगर आप पशुओं को पौष्टिक चारा नहीं देंगे तो इससे उनके दुग्ध उत्पादन की छमता में भारी गिरावट आ सकती है जो की पशुपालकों को आर्थिक नुकसान भी दे सकती है। इसलिए आज के आर्टिकल में जिन हरे चारे की फसलों के बारे में आपको हमने जानकारी दी है आप उसके हिसाब से अपने पधुओं के लिए चारे की खेती कर सकते है। उम्मीद है किसान भाइयों आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई होगी। ऐसी ही ख़बरों को अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए आप हमारे WhatsApp या फिर Telegram ग्रुप से भी जुड़ सकते है जहां आपको रोजाना कृषि से जुड़े अपडेट पढ़ने को मिलेंगे। धन्यवाद

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