कपास की फसल को बचाएं: जड़ गलन रोग से नुकसान और आसान समाधान

Written By Atul Bharat
On: Tuesday, June 17, 2025 10:40 AM

Follow & Share

20250617 104344.jpg
Google News
Follow Us

किसान भाइयों कपास भारत की सबसे महत्वपूर्ण नकदी फसलों में से एक है, लेकिन जड़ गलन रोग (Root Rot) इसकी पैदावार को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। यह रोग मिट्टी में मौजूद फफूंद, जैसे मैक्रोफोमिना फेजियोलिना, के कारण होता है। गर्म और नम मौसम में यह रोग तेजी से फैलता है, जिससे पौधे मुरझाने लगते हैं और 20-30% तक उपज कम हो सकती है। पौधों की जड़ें सड़ने लगती हैं, पत्तियां पीली पड़ती हैं, और कई बार पौधा पूरी तरह सूख जाता है। किसानों के लिए यह रोग बड़ा सिरदर्द बन सकता है, लेकिन सही जानकारी और उपायों से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। आईए आपको कपास की इस प्रमुख समस्या के बारे में जानकारी देते है।

जड़ गलन रोग के लक्षण

  • पौधों का अचानक मुरझाना, खासकर गर्म दोपहर में।
  • जड़ों का पीला पड़ना और छाल का फटना।
  • पत्तियों का पीला होना और समय से पहले झड़ना।
  • पौधे आसानी से उखड़ जाना या गिर जाना।

यह रोग शुरुआत में कुछ पौधों में दिखता है, लेकिन जल्द ही पूरे खेत में फैल सकता है। इसलिए समय रहते इसकी पहचान और उपचार जरूरी है।

जड़ गलन रोग से बचाव के आसान उपाय

  1. रोग प्रतिरोधी किस्में चुनें: ऐसी कपास की किस्में बोएं जो जड़ गलन के प्रति कम संवेदनशील हों।
  2. मिट्टी की देखभाल: खेत में पानी का जमाव न होने दें। अच्छी जल निकासी की व्यवस्था करें।
  3. फसल चक्र अपनाएं: लगातार एक ही खेत में कपास न बोएं। मूंग, उड़द या अन्य फसलों के साथ चक्र अपनाएं।
  4. रासायनिक उपचार: बाविस्टिन (0.2%) या थायोफैनेट मिथाइल का घोल बनाकर प्रभावित पौधों की जड़ों में डालें। प्रति पौधा 100-200 मिलीलीटर घोल पर्याप्त है।
  5. जैविक उपाय: ट्राइकोडर्मा जैसे जैविक फफूंदनाशकों का इस्तेमाल करें। यह मिट्टी में फफूंद को नियंत्रित करता है।
  6. खेत की सफाई: प्रभावित पौधों को उखाड़कर नष्ट करें और खेत में गहरी जुताई करें ताकि फफूंद कम हो।

किसानों के लिए सलाह
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि जड़ गलन रोग से बचने के लिए खेत की नियमित निगरानी जरूरी है। शुरुआती लक्षण दिखते ही तुरंत उपचार शुरू करें। साथ ही, अधिक नाइट्रोजन उर्वरक के इस्तेमाल से बचें, क्योंकि यह रोग को बढ़ावा दे सकता है। स्थानीय कृषि केंद्रों से सलाह लेकर सही दवाओं का चयन करें।

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी ऑनलाइन स्रोतों और सामान्य कृषि जानकारी पर आधारित है। सटीक उपचार और दवाओं के लिए कृपया अपने नजदीकी कृषि विशेषज्ञ या आधिकारिक कृषि केंद्र से संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए संबंधित वेबसाइट या कृषि केंद्र में जांच-पड़ताल करें।

Atul Bharat Follow Message

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now