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कपास की खेती में पहली सिंचाई करते समय ध्यान रखें इन बातों का – पैदावार में होगी बढ़ौतरी

किसान भाइयों आप सभी को अच्छे से पता है की भारत में कपास की खेती बहुत अधिक की जाती है और ये खेती किसानों के लिए एक नगदी फसल के रूप में काम करती है। किसान की आय का भी ये मुख्य स्त्रोत बन चुकी है और ऐसे में आपको इसकी पहली सिंचाई के समय में कई बातों का ध्यान रखना बहुत जरुरी हो जाता है। पहली सिंचाई के समय में ही पौधे की ग्रोथ कैसी होगी ये निर्धारित होता है और इसी पर आगे चलकर आपकी पैदावार निर्भर रहती है। अतुल भारत के आज के आर्टिकल में आपको इसकी पूरी जानकारी हम देने वाले है की कैसे सिंचाई करनी है और किन किन बातों का आपको ध्यान रखना है।

समय पर सिंचाई होना जरुरी है।

किसान भाइयों पहली सिंचाई कपास की बुवाई के 30 दिन के बाद में की जाती है और इस सिंचाई के समय में पौधे की ग्रोथ और उसक जड़ों के मजबूत होने का समय होता है। पानी देने के पौधों की जड़ों को भी काफी मजबूती मिलती है। आपको कितनी सिंचाई करनी है ये आपके क्षेत्र के आदर पर और खेत की मिट्टी के आधार पर तय किया जाता है। अगर हलकी रेतीली मिट्टी है तो पहली सिंचाई आपको केवल 20 दिन बाद में ही करनी होगी और अगर भारी मिट्टी है तो फिर आप 35 दिन के बाद में भी पहली सिंचाई कर सकते है। मौसम का भी आपको इसमें ध्यान रखना होगा क्योंकि अगर बारिश का मौसम है तो आपको सिंचाई करने की जरुरत नहीं है।

खेत का लेवल कैसे है

किसान भाइयों आपके खेल लेवल में है और पुरु तरह से समतल है तो आपको कोई चिंता की बाद नहीं है लेकिन अगर आपके खेत उबड़ खाबड़ है तो आपको सिंचाई भी अच्छे से करनी होगी। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मिट्टी जल्दी सूखने लगती है इसलिए या तो आप बुवाई से पहले अपने खेत को अच्छे से समतल करें या फिर ऊंचाई वाले इलाकों में आपको अच्छे से सिंचाई का काम करना होगा ताकि मिट्टी में नमी बनी रहे। खेत को समतल करने के लिए लेजर लैंड लेवलर का इस्तेमाल करना आज के समय में सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है इसलिए आप इसके जरिये भी अपने खेत को समतल करवा सकते है।

खास और उर्वरकों का ध्यान रखना होगा

पहली सिंचाई के समय उर्वरक का सही इस्तेमाल भी जरूरी है। अगर आपने बुवाई के समय उर्वरक नहीं डाला, तो पहली सिंचाई के साथ यूरिया या DAP का हल्का डोज दे सकते हैं। लेकिन ज्यादा उर्वरक डालने से बचें, क्योंकि इससे पौधे जल सकते हैं। मिट्टी की जांच के आधार पर उर्वरक की मात्रा तय करें। तो किसान भाइयों उम्मीद है आपको हमारा ये आर्टिकल अच्छा और काम का लगा होगा। इसको शेयर करें। धयवाद

Atul Bharat

भारत कृषि प्रधान देश है और किसान देश की जान है। अतुल भारत किसानों को एक कदम आगे लेकर जाने और कृषि क्षेत्र में उनकी मदद करने का एक छोटा सा प्रयास है। इसके जरिये किसानों को खेती से जुड़ी जानकारियां प्रदान की जाती है।

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