किसान भाइयों हरियाणा प्रदेश की सरकार की तरफ से हरियाणा के उन सभी किसानों को 4500 रूपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है जो किसान DSR तकनीक से धान की खेती कर रहे है या फिर करने वाले है। डायरेक्ट सीडेड राइस (DSR) धान की खेती करने के लिए उपयोग में ली जाने वाली आधुनिक विधि है और इससे किसानों को काफी लाभ मिलता है। इस विधि के तहत किसान धान के बीजों को सीधे खेत में बुवाई करते है जिसके चलते काफी बचत किसानों को होती है।
डायरेक्ट सीडेड राइस (DSR) के चलते धान की नर्सरी तैयार नहीं करनी पड़ती और ना ही खेत में इतना अधिक पानी देने की जरुरत पड़ती है और यही वजह है की किसान को काफी बचत इसमें होती है। आइये आज के अतुल भारत के इस आर्टिकल में आपको डायरेक्ट सीडेड राइस (DSR) तकनीक के बारे में डिटेल में जानकारी देते है की ये कैसे किसान भाइयों के लिए लाभकारी है।
DSR तकनीक कैसे काम करती है?
किसान भाइयों इस तकनीक की मदद से धान की खेती करने में सबसे पहले खेत को लेजर लेवलर की मदद से समतल किया जाता है और साथ ही खेत में खरपतवारों को ख़त्म करने का उपाय किया जाता है ताकि आगे चलकर खरपतवार की वजह से कोई समस्या धान की खेती में ना आने पाए। इसके अलावा धान के बीजों को इस तकनीक में सीधे ही खेत में बुवाई कर दिए जाते है जैसे की गेहूं की बुवाई की जाती है।
धान के बीजों की बुवाई करने के बाद में खेत में हलकी सिंचाई की जाती है ताकि बीजों का अंकुरण समय पर और अच्छे से हो सके। इसके अलावा बाद जरुरत के हिसाब से सिंचाई का काम किया जाता है। धान के खेत में खरपवारों को नियंत्रित करने के लिए प्री और पोस्ट-इमर्जेंस हर्बिसाइड्स का इस्तेमाल किसानों के द्वारा किया जाता है। इसके साथ ही जरुरत के हिसाब से समय समय पर उचित मात्रा में उर्वरकों का भी इस्तेमाल किया जाता है।
डायरेक्ट सीडेड राइस (DSR) के क्या क्या लाभ है?
किसानन भाइयों इस तकनीक की सहायता से अगर धान की खेती की जाती है तो किसानों को इसके कई लाभ मिलते है। इस तकनीक से खेती करने पर किसानों को पानी की काफी बचत होती है। इसके अलावा धान की पारम्परिक रोपाई की तुलना में देखा जाए तो आपको लगभग 40 फीसदी तक पानी बच जाता है। ये तकनीक उन इलाकों के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है जहां भूजल का लेवल काफी निचे जा चूका है।
DSR तकनीक से धान की खेती करने में लगने वाला श्रम और उसकी लागत काफी कम हो जाती है। नर्सरी तैयार करने और रोपाई की प्रक्रिया दोनों ही इस तकनीक में ख़त्म हो जाती है। साथ ही ये तकनीक पर्यावरण के लिए भी बहुत ही फायदे वाली साबित होती है। किसान भाइयों जब भी आप पारम्परिक तरीके से धान की रोपाई करने के लिए खेत में पानी भरते है तो उससे काफी अधिक मात्रा में मीथेन गैस का उत्सर्जन होता है जो की पर्यावरण के लिए काफी हानिकारक होती है इसलिए DSR तकनीक में ये चरण भी खत्म हो जाता है।
किसान भाइयों अगर आप इस तकनीक के जरिए धान की खेती करते है तो आपको उपज भी अधिक प्राप्त होती है क्योंकि इस तकनीक से बीजों को समान दूसरी पर बुवाई करने और गहराई अच्छी होने के चलते पौधों का विकास काफी अच्छा हो जाता है जिससे पैदावार भी बढ़ती है। इसके अलावा इस तकनीक से आपको सरकारी सहायता भी मिल जाती है जैसे हरियाणा में सरकार किसानों को DSR तकनीक से धान की बुवाई करने पर 4500 रूपए की आर्थिक मदद देती है।
किसान भाइयों उम्मीद है की आपको डायरेक्ट सीडेड राइस (DSR) क्या है और ये कैसे काम करती है इसके बारे में अच्छे से जानकारी मिल गई होगी। इसके अलावा आपको इस तकनीक से खेती करने के क्या क्या लाभ है इसकी भी जानकारी मिल गई होगी। किसान भाइयों अगर आप खेती से जुडी और भी अधिक जानकारी अपने फ़ोन पर पढ़ना चाहते है तो आप हमारे WhatsApp या फिर Telegram चैनल के साथ में जुड़ सकते है जहां पर रोजाना खेती से जुड़े आर्टिकल पोस्ट किये जाते है। धन्यवाद